भविष्य कैसा होगा यह जानने के लिए लोग ना जाने क्या क्या प्रयत्न करते है| पर अगर आपसे कहा जाये की आप केवल भविष्य को जानने के अलावा देख भी सकते है तो आप क्या कहेंगे?
तो सबसे पहले जानते है की ये म्यूजियम कहाँ पर स्थित है ?
यह म्यूजियम दुबई के मुख्य हाईवे शेख जायद रोड पर दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा के करीब स्थित है|
नेशनल ज्योग्राफिक पहले ही इसे दुनिया की सबसे खूबसूरत 14 म्यूजियम में शामिल कर चुका है|
'म्यूजियम ऑफ फ्यूचर' का निर्माण 30 हजार वर्गमीटर के क्षेत्र में हुआ है और इस म्यूजियम में सात मंजिल है, पर पूरे म्यूजियम में एक भी पिलर नहीं है, जो आज के समय में इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जा रहा है।
अगर स्थापत्य कला की बात की जाये तो म्यूजियम दुनिया की सबसे सुव्यवस्थित इमारतों में से एक है, तथा इसकी बाहरी संरचना पर एक भी नुकीला कोना नहीं है।
यह म्यूजियम 77 मीटर ऊँचा है और इसका आगे का हिस्सा स्टेनलेस स्टील से बना हुआ है, जिसपर अरबी भाषा में प्रेरणादायक बातें लिखी हैं, जिसे अमीराती कलाकार मटर बिन लाहेज के द्वारा डिजाइन किया गया है।
पर लोगों की माने तो ये दुबई के शासक शेख़ मुहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की लिखी हुई कविताएं हैं|
हाथ से लिखी हुई ये कविताएं, म्यूज़ियम की खिड़कियों का भी काम करेंगी| दिन में इनके ज़रिए रौशनी छन कर भीतर जाया करेगी| वहीं रात में अंदर की रौशनी बाहर निकल कर इसे अद्भुत मंज़र की शक्ल देगी|
इस म्यूजियम का डिजाइन दुबई के एक स्टूडियो किला डिजाइन के द्वारा तैयार किया गया है| वास्तुकार शॉन किला ने संग्रहालय को डिजाइन किया है और इस म्यूजियम का निर्माण दुबई फ्यूचर फाउंडेशन ने किया है।
इस म्यूजियम का आकार आंखों के जैसा है| 'म्यूजियम ऑफ फ्यूचर' के कार्यकारी डायरेक्टर लैथ कार्लसन के अनुसार म्यूजियम का ठोस हिस्सा ज्ञान को दर्शाता है और भीतर में जो खालीपन है, वो उन चीजों का प्रतीक है, जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं, यानि हमारा भविष्य।
अगर म्यूजियम के अन्दर की बात की जाये तो इसमें 345 सीट वाल एक लेक्चर हॉल है| तथा इसमें एक मल्टी यूज हॉल है, जिसमें लगभग 1,000 लोग बैठ सकते हैं|
इस म्यूजियम में एंट्री के लिए टिकट लेना होता है| और अगर इसके टिकट की बात की जाये तो टिकट का मूल्य भारतीय मुद्रा में करीब 2942 रुपये है|
इस म्यूजियम का उद्घाटन 23 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति और दुबई के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने किया था। और तभी से आम लोगों के लिए इसे खोल दिया गया है तथा यह सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहेगा|
इस म्यूजियम में रोशनी तथा अन्य कार्यों के लिए लगभग 4 हजार मेगावाट बिजली की जरूरत होती है औऱ इतनी बिजली के उत्पादन के लिए म्यूजियम में ही सौर पैनलों का इस्तेमाल किया गया है।
'म्यूजियम ऑफ फ्यूचर' लोगों के लिए कौतूहल का विषय है क्योंकि इस म्यूजियम को देखना लोगों के लिए एक भविष्य की काल्पनिक यात्रा में जाने जैसा है। पर आखिर एसा क्या है इस म्यूजियम में?
यह म्यूजियम लोगों को साल 2071 की यात्रा करवाएगा मतलब सन 2071 तक किस प्रकार की टेक्नोलॉजी कैसी होगी और उस टेक्नोलॉजी के कारण दुनिया देखने में कैसी हो सकती है?
इसे आसान भाषा में समझते है म्यूजियम का निर्माण पूरी तरह से अत्याधुनिक टेक्नलॉजी के द्वारा किया गया है, मतलब आपको म्यूजियम में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ह्यूमन मशीन रोबोट जैसे लेटेस्ट टेक्नलॉजी का इस्तेमाल देखने को मिलेगा, जो पृथ्वी पर जीवन, बाहरी अंतरिक्ष के भविष्य से संबंधित कई सवालों के जवाब देगा।
इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, स्मार्ट शहरों, ऊर्जा और परिवहन के लिए लेटेस्ट प्रयोगशालाओं का निर्माण किया गया है। ताकि भविष्य में इनोवेशन करने के लिए ये म्यूजियम वैज्ञानिकों के लिए परफेक्ट हो।
म्यूजियम का एक बड़ा हिस्सा अंतरिक्ष की यात्रा से संबंधित है और म्यूजियम से अहसास होता है, कि हम अंतरिक्ष यात्रा का लाभ कैसे उठा सकते हैं।
वहीं दूसरी और बात की जाये तो, म्यूजियम के एक पूरा फ्लोर डीएनए और आनुवंशिकी पर रिसर्च करने के लिए बनाया हुआ है|
इसमें इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज को डेवलप और टेस्ट करने के लिए वर्कशॉप की व्यवस्था है| यानि इस म्यूजियम में वैज्ञानिक ना केवल रिसर्च कर सकेंगे बल्कि उसे पूरी तरह डवलप भी कर सकेंगे |
दुबई फ्यूचर फाउंडेशन के चेयरमैन मोहम्मद अल गरगावी के मुताबिक, इस म्यूजियम की दीवारों पर कई अच्छी बातें लिखी हैं| उनमें से एक यह है हम सैकड़ों साल तक जीवित नहीं रह सकते, लेकिन हमारी रचना से बने प्रोडक्ट्स हमारे दुनिया से चले जाने के बाद भी हमारी विरासत हो सकते हैं
पर सबसे अहम् सवाल क्या यह एक म्यूजियम है या एक रिसर्च सेंटर?
वैसे तो म्यूजियम का अर्थ एक एसी इमारत से होता है, जहां ऐतिहासिक और कलात्मक वस्तुओं को प्रदर्शित, संरक्षित किया जाता है|
पर दुबई की इस ईमारत को भी म्यूजियम कहा जा सकता है क्योंकि ये भविष्य में बनने वाली वस्तुओं को प्रदर्शित करती है|
डायरेक्टर लैथ कार्लसन के अनुसार "यहां लोगों को बुरे भविष्य की नहीं, बल्कि संभावनाओं से भरे भविष्य का अनुभव कराने की कोशिश होगी।" उनकी उम्मीद के मुताबिक हर साल दस लाख से ज्यादा लोग म्यूजियम ऑफ फ्यूचर देखने आएंगे और इनमें से आधे, संयुक्त अरब अमीरात से बाहर के लोग होंगे।
और आप भी एसे ही किसी अन्य विषय के बारें में जानकारी चाहते है तो जरुर कमेंट करें |
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